Description

इंदिरा बंकिमचन्द्र का एक अत्यंत लोकप्रिय उपन्यास है। इसमें सुहाग से बिछुड़ी एक नवयौवना की व्यथा भरी कथा है। नारी के जिस पक्ष का चित्रण यहाँ हुआ है, वह अद्वितीय है। इसके अनुवादक श्रीरामनाथ सुमन ने इसे इस शैली में अनुवाद किया है कि पाठक को यह उपन्यास मूलत: हिंदी भाषा में लिखा गया ही प्रतीत होता है।
पाठक का मनोरंजन करने के अलावा, यह उपन्यास पाठक को उस समय के दौरान बंगाल समाज के सामाजिक मानदंडों और परंपराओं के बारे में अद्भुत जानकारी भी देती है, जब किताब लिखी गई थी; प्यार और रिश्तों के बारे में और जिस तरह से समाज उन्हें आकार देता है, यह सब इस उपन्यास में उकेरा गया है।

Additional Information
Weight 0.10 kg
Dimensions 20 × 13 × 0.8 cm
Binding Type

Paperback

Languages

Publishers

About Author

बंकिमचन्द्र चटर्जी बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। बंगला साहित्य के माध्यम से भारतीय जनमानस तक पैठ बनाने वालों में बंकिमचन्द्र वह पहले साहित्यकार हैं, जिन्हें विश्वव्यापी ख्याति मिली। उनका पहला उपन्यास दुर्गेश नन्दिनी था। संस्कृत भाषा में प्रकाशित इस उपन्यास में अकबरयुगीन सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों का सजीव चित्रण है। लेकिन उनका…

Reviews
Ratings

0.0

0 Product Ratings
5
0
4
0
3
0
2
0
1
0

Review this product

Share your thoughts with other customers

Write a review

Reviews

There are no reviews yet.