Description

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एन ऑटोबायोग्राफ़ी नाम से अंग्रेजी में अपनी आत्मकथा लिखी थी, यह उसी पुस्तक का सरल, संक्षिप्त और सुसंपादित हिंदी रूपांतरण है। जवाहरलाल नेहरू ने इसे 1934 और 1935 के बीच जेल में रहते हुए लिखा था और 1936 में इसका प्रथम बार प्रकाशन हुआ। लेकिन जन-जन तक पहुँचाने के लिए जब हिन्द पॉकेट बुक्स ने इसे 1983 में अत्यंत सरल भाषा में प्रकाशित किया, तो इस पुस्तक ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे।
जवाहरलाल नेहरू एक महान व्यक्तित्व थे और उन्होंने कई प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें लिखी हैं, लेकिन मेरी कहानी के माध्यम से उन्होंने न केवल अपने परिवार या अपनी संघर्ष गाथा का वर्णन किया है, वरन अपनी आँखों के सामने बनते जा रहे भारत के नए इतिहास को जिस रोचक तरीके से उन्होंने इस पुस्तक में लिखा है, वह नि:संदेह नेहरू जी को एक महान इतिहासकार सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है।

Additional Information
Weight0.25 kg
Dimensions21.6 × 14 × 1.6 cm
Binding Type

Paperback

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About Author

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। पंद्रह साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में…

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