Description

इस पुस्तक को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की स्वतंत्रता से पहले 1942-1945 के दौरान अहमदनगर किले में कैद होने के दौरान लिखा था।
इसमें नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत की आज़ादी तक विकसित हुई भारत की बहुविध समृद्ध संस्कृति, धर्म और अतीत का वैज्ञानिक दृष्टि से विश्लेषण किया है।
उन्होंने भारत के इतिहास के प्रति विभिन्न दृष्टिकोणों में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया और खुद को सामंजस्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया।
जवाहरलाल नेहरू जी इस पुस्तक के बारे में स्वयं लिखते हैं कि इतिहास मनुष्य के संघर्ष की कहानी है; जंगली जानवरों और जंगल के विरुद्ध और अपने ही कुछ लोगों के विरुद्ध, जिन्होंने उसे दबाए रखने और अपने लाभ के लिए उसका शोषण करने की कोशिश की।

Additional Information
Weight0.3 kg
Dimensions21.6 × 14 × 1.6 cm
Binding Type

Paperback

Languages

About Author

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। पंद्रह साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक…

Reviews
Ratings

0.0

0 Product Ratings
5
0
4
0
3
0
2
0
1
0

Review this product

Share your thoughts with other customers

Write a review

Reviews

There are no reviews yet.