इस पुस्तक को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की स्वतंत्रता से पहले 1942-1945 के दौरान अहमदनगर किले में कैद होने के दौरान लिखा था।
इसमें नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत की आज़ादी तक विकसित हुई भारत की बहुविध समृद्ध संस्कृति, धर्म और अतीत का वैज्ञानिक दृष्टि से विश्लेषण किया है।
उन्होंने भारत के इतिहास के प्रति विभिन्न दृष्टिकोणों में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया और खुद को सामंजस्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया।
जवाहरलाल नेहरू जी इस पुस्तक के बारे में स्वयं लिखते हैं कि इतिहास मनुष्य के संघर्ष की कहानी है; जंगली जानवरों और जंगल के विरुद्ध और अपने ही कुछ लोगों के विरुद्ध, जिन्होंने उसे दबाए रखने और अपने लाभ के लिए उसका शोषण करने की कोशिश की।
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Bharat Ek Khoj/भारत एक खोज
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Description
Additional Information
| Weight | 0.3 kg |
|---|---|
| Dimensions | 21.6 × 14 × 1.6 cm |
| Binding Type | Paperback |
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